Part 21 Article 370 Article 35A in hindi
Part21 article 370- article 35A
अनुच्छेद 370
यह आर्टिकल भारत संविधान के21वे भाग के अंतर्गत आता है यह जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार दिलाता है पूरे भारत में जम्मू कश्मीर को विशेष अधिकार प्राप्त है इस धारा के अंतर्गत जम्मू कश्मीर की संसद को रक्षा मामले, विदेश मामले और संचार के मामले में खुद फैसले करना कानून बनाकर उनको लागू करने का अधिकार है परंतु किसी और विषय में कानून बनाने के लिए उन्हें केंद्र की इजाजत की जरूरत पड़ती है इस विशेष अधिकार के कारण कश्मीर में धारा 356 नहीं लागू होती है जिसके कारण है वहां पर के राष्ट्रपति को संविधान बर्खास्त करने की इजाजत नहीं देता है धारा 356 राष्ट्रपति को अधिकार देती हैं कि वो किसी भी राज्य पर वित्तीय एमरजेंसी वह के गवर्नर की सलाह पर लागू कर सकते हैं 1976 का शहरी भूमि कानून जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होता है इसका मतलब कि यहां पर कोई भी जमीन भारत के दूसरे राज्य में रहने वाला खरीद नहीं सकता है पर जम्मू कश्मीर के लोग दूसरी जगहों पर जाकर जमीन खरीद सकते हैं इस कानून के कारण यहां पर से आरटीआई(right to information इसके तहत कोई राज्य अपनी जनता को अपने कार्यो के बारे में बताती हैं) और सीएजी(Comptroller and Auditor General of India) जैसे कानून लागू नहीं होते हैंइसके तहत और भी अजीब अधिकार मिलते हैं जैसे
- यहां के लोगों को अधिकार है कि उनका एक अलग झंडा होता है और यहां पर राष्ट्रीय ध्वज राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान करना कोई बुरा है या गलत नहीं है
- सब जगह विधानसभा का कार्यकाल 5 साल होता है पर जम्मू कश्मीर में विधानसभा का कार्यकाल 6 साल होता है
- इस कानून के मुताबिक यदि यहां की कोई भी लड़की किसी बाहरी स्टेट के लड़के से विवाह कर लेती है तो उसके सारे अधिकार खत्म हो जाते हैं परंतु इसके विपरीत अगर वह किसी पाकिस्तानी से विवाह कर लेती है पाकिस्तानी को जम्मू कश्मीर के सारे अधिकार और नागरिकता मिल जाती है
- यहां पर भारत के उच्चतम न्यायालय के आदेश लागू नहीं होते हैं यहां पर अल्पसंख्यकों यानी कि हिंदू और सिख को 16% आरक्षण नहीं दिया जाता है
अनुच्छेद 35A
इसे 370 का छोटा भाई कहा जाए तो गलत नहीं होगा क्योंकि यह उसी के अंदर में आता है इसी के तहत सभी को ऐसे अधिकार प्राप्त होते हैं इसको लागू 14 मई 1954 को किया गया था इसको तब के तत्काल प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की सलाह से राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने अपने हस्ताक्षर के जरिए इसे लागू किया था मतलब इसे संसद में पेश ही नहीं किया गया इसे सीधे राष्ट्रपति के द्वारा लागू कर दिया गया थाइसका मुख्य उद्देश्य वहां के नागरिकों की सदस्यता को परिभाषित करना था वहां पर वहां के नागरिकों को कुछ विशेष अधिकार प्राप्त हैं जैसे कि वह सरकारी नौकरियों में भर्ती हो सकते हैं और उन्हें स्कॉलरशिप भी दी जाती है और वह के राज्य की जमीन का अधिग्रहण कर सकते हैं।
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