शिक्षण तकनीकी, अनुदेशन तकनीकी एवं व्यवहार तकनीकी में अंतर

शिक्षण तकनीकी अनुदेशन तकनीकी एवं व्यवहार तकनीकी में अंतर (Comparative Study Of Teaching Technology, Instructional Technology, and Behavioural Technology)










अंतर का आधार
शिक्षा तकनीकी
अनुदेशन तकनीकी
व्यवहार तकनीकी
उद्देश्य
इसका उद्देश्य ज्ञानात्मक भावात्मक एवं क्रियात्मक तीनों पक्षों का समान विकास करना है।
इसका उद्देश्य ज्ञानात्मक पक्ष का विकास करना है।
इसका उद्देश्य शिक्षा के तीनों पक्षों ज्ञानात्मक भावात्मक क्रियात्मक का विकास करना है परंतु क्रियात्मक पक्ष पर अधिक बल देती है।
व्यवस्था
शिक्षक व छात्र दोनों के सहयोग से होती है।
दृश्य श्रव्य सामग्री तथा अन्य व्यक्तियों के द्वारा।
शिक्षकों के द्वारा व्यवस्था स्थापित की जाती है।
उपयोगिता
स्वाध्याय पत्राचार अध्ययन एवं व्यक्तिगत विभिन्नता को नियंत्रित करने के लिए उपयोगी है।
शिक्षण में उपयुक्त विधियों, प्रविधियों को प्रयुक्त करके कक्षा शिक्षण के अधिकतम उद्देश्यों की प्राप्ति में उपयोगी है।
शिक्षक प्रशिक्षण को प्रभावशाली बनाने के लिए उपयोगी है।
शिक्षण स्तर
शिक्षा स्तर में स्मृति सम्मिलित है।
शिक्षण स्तर के अंतर्गत स्मृति बोध व चिंतन सम्मिलित है।
शिक्षण स्तर में स्मृति एवं बोध सम्मिलित है।
प्रमुख लक्षण
इसका प्रमुख लक्षण अपेक्षित व्यवहार परिवर्तन है।
इसका प्रमुख लक्षण सूचना देना है।
इसका प्रमुख लक्षण प्रभावशाली शिक्षण है।
शिक्षक का स्थान
शिक्षक का स्थान सहायक के रूप में  होता है।
शिक्षक का स्थान प्रबंधक के रूप में होता है।
शिक्षक का स्थान गौण होता है।
प्रभावशाली
यह संपूर्ण शिक्षा प्रभावशाली व सार्थक बनाने पर बल देती है।
यह अनुदेशन के उद्देश्य को प्रभावशाली बनाने पर बल देती है।
शिक्षा प्रशिक्षण को प्रभावशाली बनाने पर बल देती है।
आधार
इसका आधार मनोवैज्ञानिक दार्शनिक एवं सामाजिक है।
इसका आधार शिक्षा मनोवैज्ञानिक है।
इसका आधार मनोवैज्ञानिक है।
क्रियाशीलता
इसमें शिक्षक व शिक्षार्थी दोनों क्रियाशील रहते हैं।
इसमें शिक्षक ही क्रियाशील रहता है।
इसमें शिक्षक और शिक्षार्थी दोनों क्रियाशील रहते हैं।
कमी
यह तकनीकी खर्चीली होती है।
यह तकनीकी खर्चीली होती है।
यह तकनीकी भी खर्चीली होती है।






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