गणित प्रयोगशाला, क्लब, मेला

 गणित प्रयोगशाला





प्रयोगशाला अर्थात् करके सीखने का स्थान जहां पर शिक्षण के नियमों एवं सिद्धांतों को प्रयोग के माध्यम से सीखते हैं इसमें स्वयं करके सीखने से कोई भी प्रत्यय अधिक स्पष्ट और स्थाई रूप से सीखते हैं शिक्षण का तब तक कोई अर्थ नहीं होता है जब तक कि उसका अधिगम न हो सके छात्रों को पाठ्य सामग्री को स्पष्ट करने के लिए अनेक साधनों का प्रयोग किया जाता है इन साधनों को प्रयोगशाला में रखा जाता है गणित प्रयोगशाला में भी अनेक उपकरण रखे जाते हैं जिनका प्रयोग करने से बालक ज्ञान को स्थाई रूप से अपने मस्तिष्क में धारण कर लेते है

गणित की प्रयोगशाला शिक्षण के लिए परम आवश्यक है पूर्णतया सुसज्जित कमरे के अभाव में गणित पढ़ने के लिए भूगोल, विज्ञान आदि अन्य कक्षाओं से आने पर बालक गणित के वातावरण में नहीं आ पाते। इसके अतिरिक्त गणित पढ़ाने में कुछ उपकरणों का भी प्रयोग होता है गणित प्रयोगशाला के अभाव में उनका उपयोग भी भली-भांति नहीं हो पाता






गणित प्रयोगशाला की परिभाषा


प्रो. ई. एच. मेरी के अनुसार- छात्रों को अवलोकन शक्ति, प्रयोग एवं अभिव्यक्ति तथा निगमन शक्ति में प्रशिक्षित करना तब तक असंभव होगा, जब तक गणित को सीधे ठोस स्वरूप से ना जोड़ा जाये तथा सुधार के इस कार्य को गणित व भौतिकी में संपूर्ण रूप से अनुदेशन की प्रयोगशाला विधि का विकास कहा जाता है

मैकोना व रॉबर्ट्स के अनुसार- शिक्षक इन उपकरणों के प्रयोग द्वारा बालक एक से अधिक इंद्रियों को प्रयोग में लाकर पाठ्य वस्तु को सरल, रुचिकर, स्पष्ट, प्रभावशाली तथा स्थाई बनाता है कितने ही विषय जो पाठ्य पुस्तकों में नहीं होता है उस पर प्रकाश डाला जता है।

गणित प्रयोगशाला के उपकरण


गणित प्रयोगशाला में निम्नलिखित सामग्री आवश्यक होती है 

  • श्यामपट्ट व चॉक 
  • ज्योमेट्री बॉक्स 
  • माप तोल के यंत्र 
  • फर्नीचर, कुर्सी, टेबल 
  • अलमारी 
  • कैलक्यूलेटर 
  • विभिन्न प्रकार के स्केल, टेप 
  • वेट मशीन, थर्मामीटर 
  • विभिन्न प्रकार के मानक यंत्र 
  • विभिन्न साइज के लकड़ी के मॉडल 
  • आयत, त्रिभुज, वर्ग, घन, घनाभ, ग्राफ पेपर, घड़ी 
  • ओवरहेड प्रोजेक्टर, एलसीडी प्रोजेक्टर 
  • प्लेन पेपर, प्लेन टेबल, कोणीय दर्पण, लेवल, गणना मशीन 
  • हिप्सोमीटर तथा क्रोनोमीटर 
  • प्रोपोर्शनल डिवाइस 
  • दृश्य श्रव्य सामग्री 
  • कौशल विकास हेतु कार्य पुस्तक (वर्क बुक) 
  • विभिन्न प्रकार के निदानात्मक परीक्षण 
  • ड्राइंग संबंधी उपकरण 
  • लघुगणक सारणी
  • फिल्म पट्टियां और स्लाइड्स 
  • पारदर्शीकायें 
  • कंप्यूटर व कॉम्पेक्ट डिस्क या सी. डी.







गणित प्रयोगशाला की आवश्यकता एवं महत्व


  1. प्रयोगशाला से छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास होता है 
  2. छात्र दिन प्रतिदिन गणितीय समस्याओं को हल करना सीख जाते हैं 
  3. छात्रों में गणितीय कुशलताओं का विकास होता है जैसे विभिन्न प्रकार की आकृति बनाना, मापन आदि 
  4. इससे छात्रों में गणित के प्रति रुचि उत्पन्न होती है 
  5. प्रयोगशालाओं से कठिन विषयों में सरलता व रोचकता आ जाती है जिससे विषय विद्यार्थियों को रुचिकर लगने लगता है 
  6. छात्र की स्वाभाविक प्रवृत्तियों, चेष्टाओं, रुचियों के विकास में प्रयोगशाला सहायक है 
  7. छात्र इसमें स्वयं करके सीखते हैं जिससे उनका ज्ञान स्थाई होता है 
  8. छात्र इसके द्वारा क्रियात्मक एवं व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करते हैं 
  9. सिद्धांतों के निर्माण में आगमन विधि तथा प्रयोगशाला विधि की सहायता लेनी पड़ती है इस विधि का सही उपयोग प्रयोगशाला द्वारा संभव है 
  10. प्रयोगशाला के द्वारा गणित के सिद्धांतों, प्रत्ययों और तथ्यों की सत्यता का पता चल जाता है
  11.  व्यवहारिक ज्ञान देने के लिए प्रयोगशाला  सहायता करती है

 गणित क्लब


प्रत्येक छात्र में कुछ ना कुछ विशेषताएं होती हैं परंतु प्रत्येक छात्र उन्हें सामान्यता कक्षा में प्रकट नहीं कर पाता जब छात्र और शिक्षक कोई भी क्लब में अनौपचारिक रूप से मिलते हैं चर्चा करते हैं तो उनकी प्रतिभाएं बाहर आती हैं गणित क्लब से उपयुक्त उद्देश्यों को प्राप्त किया जा सकता है इस प्रकार के क्लब में छात्र  पर व्यक्तिगत ध्यान दिया जाता है और वह सक्रिय रहता है
विद्यार्थी स्कूल जगत में ज्ञान को आसानी से आत्मसात कर लेते हैं किंतु उन्हें गणित के सूचना तत्वों को समझने में कठिनाई होती है दूसरी बात यह भी है कि गणित के विद्यार्थियों को मनोरंजक सामग्री बहुत कम मिलती है अतः गणित में विद्यार्थियों की रुचि बढ़ाने के लिए इसमें मनोरंजक सामग्री को सम्मिलित किया जाना आवश्यक है इससे इसकी सूक्ष्मता से होने वाली कठिनाई को कम करना संभव है कक्षा अनुदेशन में मनोरंजन को पर्याप्त रूप से सम्मिलित करना मुश्किल है मनोरंजन हेतु उपयुक्त और औपचारिक संगठन गणित क्लब है विश्व भर के सभी क्षेत्रों में अवकाश के सदुपयोग और मनोरंजन के लिए क्लबों को बनाया जाता है अतः गणित विषय को अधिक रुचिकर बनाने के लिए माध्यमिक स्तर पर गणित क्लब का गठन किया जाना चाहिए क्लब स्वयं तो गणित में अभिरुचि की वृद्धि और अनुरक्षण करता है साथ ही उपर्युक्त क्रियाओं के आयोजन के लिए सार्थक मंच भी है


गणित क्लब का संगठन


गणित क्लब के सदस्यों का गठन विद्यार्थियों द्वारा होना चाहिए शिक्षक की भूमिकाएं पथ प्रदर्शक, परामर्शदाता तक ही सीमित हो उनको क्लब का संचालन सही तरह से करने में विद्यार्थियों की सहायता करनी चाहिए विद्यालय प्रधान इसके संरक्षक बने इसकी सदस्यता स्वैच्छिक हों किंतु सदस्य संख्या सीमित रखी जानी चाहिए जिससे सभी सदस्यों की अपेक्षाओं को संतुष्ट किया जा सके इसके उद्देश्य स्पष्ट हों प्रत्येक सदस्य में सक्रिय भागीदारी अनिवार्य हो प्रायोजक गणित का वरिष्ठ शिक्षकों जो कि इस प्रकार के संगठन का संचालन कुशलता से करें क्लब की बैठक के नियमित रूप से की जाए इसकी कार्यकारिणी में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, महासचिव, कोषाध्यक्ष जैसे पदाधिकारी हों। इनका चुनाव सदस्यों द्वारा किया जाए कार्यकारिणी और साधारण सभा की बैठक के अध्यक्ष के ही सभापत्तित्व में होनी चाहिए इसकी वित्तीय व्यवस्था विद्यालय कोष तथा सदस्यता शुल्क से की जाए।

गणित क्लब के उद्देश्य


  1. गणित के संबंध में हुई नवीन खोजों के संपर्क में छात्रों को रखना। 
  2. गणित संबंधी कार्यों में दक्षता प्रदान करना तथा विद्यार्थियों में आत्मविश्वास उत्पन्न करना 
  3. छात्रों में सहयोग की भावना का विकास करना 
  4. गणित के अध्ययन के प्रति छात्रों की रुचि जागृत करना 
  5. छात्रों में समाहित खोज परक मानसिक योग्यताओं का विकास करना 
  6. गणित का ज्ञान प्रदान कर छात्रों में व्यापक दृष्टिकोण विकसित करना 
  7. अवकाश के समय को प्रभावपूर्ण ढंग से व्यतीत करने का अवसर प्रदान करना 
  8. गणित से संबंधित प्रोजेक्ट बनाने में छात्रों की रुचि उत्पन्न करना 
  9. छात्रों में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगी भावनाओं का विकास करना 
  10. गणित संबंधी समस्याओं के हल करने में सहायता प्रदान करना 
  11. पाठ्यक्रम के अतिरिक्त ज्ञान देने के लिए।

गणित क्लब के कार्य 


  1. निर्देशन कार्यक्रम की व्यवस्था कमजोर छात्रों के लिए करना 
  2. गणित से संबंध रखने वाले मॉडल, चार्ट इत्यादि तैयार करना 
  3. महान गणितज्ञ की जयंतियाँ मनाना व उनके विषय में छात्रों को बताना 
  4. गणित से संबंधित प्रतियोगिताओं, वाद-विवाद, भाषण आदि की व्यवस्था करना 
  5. गणित से संबंधित स्थानों के भ्रमण की व्यवस्था करना 
  6. गणित से संबंधित प्रदर्शनीयों की व्यवस्था करना 
  7. खाली समय व्यतीत करने हेतु कार्यक्रम बनाना 
  8. अनौपचारिक रूप से शिक्षा प्रदान करने के केंद्र के रूप में कार्य करना 
  9. क्लब के कार्यों को संकलित कर उचित स्थानों तक पहुंचाना  
  10. गणितीय समाचारों को छात्रों में प्रसारित करना।







गणित मेला 


विद्यालयों में गणित मेलों का आयोजन बहुत लाभकारी होता है जैसे विज्ञान मेला, क्राफ्ट मेला, गणित मेला आदि। इन मेलों में विद्यार्थियों द्वारा तैयार किए गए मॉडल वस्तुओं का प्रदर्शन किया जाता है हम अपने विद्यालय में गणित के मेले का आयोजन कर सकते हैं जिसमें गणित संबंधी मॉडलों, खेल वस्तुओं को प्रदर्शित किया जा सकता है मेले कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जैसे प्रश्नमंच, वाद-विवाद, गणित से संबंधित फिल्म का प्रदर्शन, नाटक इत्यादि 

गणित मेले के उद्देश्य 


  1. कौशलों का विकास करना 
  2. सृजनात्मकता का विकास करना 
  3. नवाचार को प्रोत्साहित करना 
  4. गणित को आम व्यक्ति तक पहुंचाना 
  5. गणित में रुचि पैदा करना 

गणित मेलों का महत्व 


  1. गणित आम व्यक्तियों में लोकप्रिय होती है 
  2. प्रतिभाओं की खोज होती है 
  3. मेलों से छात्र कई प्रकार की ऐसी बातें सीखते हैं जो कक्षा में नहीं सीख पाते 
  4. प्रतिभाओं को प्रोत्साहन एवं सम्मान मिलता है 
  5. विद्यार्थी में सृजनात्मकता का विकास होता है