आकलन एवं मूल्यांकन में अंतर
आकलन एवं मूल्यांकन में अंतर
आकलन और मूल्यांकन में अंतर निम्न है
क्रम संख्या |
आधार |
आकलन |
मूल्यांकन |
1 |
विषय वस्तु |
रचनात्मक, अधिगम की उन्नति |
योगात्मक, विद्यार्थी संप्राप्ति को जानना |
2 |
केंद्र |
प्रक्रिया उन्मुख: शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया |
उत्पाद उन्मुख: क्या सीखा गया |
3 |
उपयोगिता |
नैदानिक: उन क्षेत्रों की पहचान जहां पर विद्यार्थी को समस्या है |
निर्णयात्मक: ग्रेड एवं अंक के रूप में विद्यार्थी द्वारा क्या सीखा गया का निर्णय |
4 |
मुख्य भूमिका |
विद्यार्थी एवं मूल्यांकनकर्ता दोनों की |
मूल्यांकनकर्ता की |
5 |
प्रतिपुष्टि का आधार |
व्यापक, निरीक्षण पर आधारित मजबूत एवं कमजोर पक्षों के रूप में |
पूर्व निर्धारित मानक पर आधारित गुणवत्ता के स्तर के रूप में |
6 |
रिपोर्ट में वर्णन |
विद्यार्थियों के मजबूत बिंदुओं और किस प्रकार विद्यार्थी अपने प्रदर्शन को उन्नत कर सकता है अर्थात रचनात्मक आलोचना (Constructive Criticism) |
प्रदर्शन की गुणवत्ता पूर्व निर्धारित मानदंडों पर आधारित एवं कक्षा के अन्य विद्यार्थियों की तुलना में |
7 |
रिपोर्ट का उपयोगकर्ता |
मुख्यत: विद्यार्थी (अपने प्रदर्शन में सुधार के लिए) एवं (नैदानिक शिक्षण की योजना बनाने के लिए) |
अन्य लोग यथा माता-पिता रोजगार प्रदाता अथवा अन्य संस्थाएं |
8 |
रिपोर्ट का उपयोग |
विद्यार्थी के प्रदर्शन में सुधार |
विद्यार्थी के संबंध में निर्णय लेने के लिए |
UPI ID:- achalup41-1@oksbi
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