राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद (N.C.E.R.T.), कार्य

 राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद (N.C.E.R.T.)



राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद (National Council of Educational Research and Training) की स्थापना। दिसम्बर, 1961 ई. को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा की गई। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किया गया है जिसमें शिक्षा सम्बन्धी नीतियों का क्रियान्वयन समुचित ढंग से हो सके। राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद् सन् 1973 से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद् (NCERT) के एक अनौपचारिक अंग के रूप में कार्य कर रही थी, परन्तु उस समय यह एक सत्ता विहीन संस्था थी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 में इसको संवैधानिक दर्जा प्रदान करने की परिकल्पना की गयी। सन् 1993 में संसद में एक ऐक्ट द्वारा इसको संवैधानिक दर्जा प्रदान किया गया। इस परिषद् का मुख्यालय दिल्ली में स्थापित किया गया। इस ऐक्ट ने परिषद् को यह भी अधिकार प्रदान किया कि वह अपने क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित कर सकती है।

परिषद् के कार्य(Functions of NCERT)- 

अधिनियम द्वारा परिषद् को निम्नलिखित प्रमुख कार्य निर्धारित किये गये हैं

(1) शिक्षक-शिक्षा से विभिन्न पक्षों से सम्बन्धित सर्वेक्षण एवं अध्ययन करना।

(2) शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न उपयुक्त कार्यक्रमों की भारत तथा राज्य सरकारों, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा स्वीकृत संस्थाओं को संस्तुति करना। 

(3) देश में शिक्षक-शिक्षा का विकास, नियन्त्रण एवं समन्वय करना।

(4) शिक्षक की नियुक्ति, ट्यूशन फीस आदि के सम्बन्ध में मार्ग निर्देश प्राप्त करना । 

(5) स्वीकृत संस्थाओं की जवाबदेही के लिए मानदण्ड एवं मूल्यांकन पद्धति का निर्धारण करना ।

(6) शिक्षक-शिक्षा के व्यवसायीकरण को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाना।

(7) शिक्षक विकास कार्यक्रमों के लिए नवीन संस्थाओं की स्थापना करना।

(8) शिक्षक-शिक्षा के विभिन्न कोर्सों के लिए प्रवेश-नियमों, अभ्यर्थियों के चयन की प्रक्रिया, कोर्स की अवधि का निर्धारण, कोर्स की विषय-वस्तु आदि का निर्धारण करना ।

(9) शिक्षक-शिक्षा संस्थाओं की स्वीकृति या सम्बद्धीकरण से सम्बन्धित नियमों का निर्धारण करना आदि।

(10) शिक्षा की सभी शाखाओं में अनुसंधान कार्य करना, सहायता करना व अनुसंधान कार्य का समन्वय करना है।

(11) सेवारत व सेवापूर्ण अध्यापक प्रशिक्षण के उच्च स्तरीय कार्यक्रम चलाना।

(12) शैक्षिक पुनर्निर्माण के कार्य के लिए संलग्न संस्थाओं के लिए प्रसार सेवाओं का आयोजन

(13) शिक्षण की उन्नति के लिए तकनीकी व नवाचारों को बढ़ावा देना।

(14) माध्यमिक शिक्षा का गुणात्मक उन्नयन करने के कार्यक्रमों को लागू करने में शिक्षा संस्थाओं को बढ़ावा देना ।

(15) अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं यूनिसेफ, यूनेस्को तथा अन्य राष्ट्रों की संरचनाओं से सम्पर्क रखना। 

(16) राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान तथा प्रशिक्षण परिषद (NCERT) का वास्तविक नियंत्रण मुख्य रूप से इसके सामान्य निकाय व कार्यकारिणी समिति के अधीन रहता है।