Rupay debit/credit card Indian

Rupay credit/debit card

भारत का स्वदेशी भुगतान प्रणाली पर आधारित एटीएम कार्ड है। इसे वीजा व मास्टर कार्ड की तरह प्रयोग किया जाता है। अभी देश में भुगतान के लिए वीजा व मास्टर कार्ड के डेबिट कार्ड तथा क्रेडिट कार्ड प्रचलन में हैं। ये कार्ड विदेशी भुगतान प्रणाली पर आधारित है। रुपे कार्ड को अप्रैल 2011 में विकसित गया था। इसे भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने विकसित किया है।

प्रारम्भ

एनपीसीआई ने 14 मई 2011 को महाराष्ट्र में शहरी सहकारी क्षेत्र के गोपीनाथ पाटिल पर्तिक जनता सहकारी बैंक के साथ पहला रुपे कार्ड लाँच किया था। इसके बाद काशी-गोमती संयुक्त ग्रामीण बैंक (केजीएसजी) ने 24 मई 2011 में इस कार्ड को जारी किया था। एनपीसीआई ने अभी तक चार बैंकों को अपने साथ जोड़ा है। इनमें दो शहरी सहकारी बैंक, एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और एक मुख्यधारा का वाणिज्यिक बैंक, बैंक ऑफ़ इंडिया है। इन बैंकों ने वित्तीय समावेशन के तहत जोड़े गए ग्राहकों को यह कार्ड जारी किया है। शीघ्र ही मुख्य धारा वाले अन्य बैंक भी इस कार्ड को जारी करेंगे। अभी यह कार्ड सीमित सेवाएँ दे रहा है। बाद में यह क्रेडिट कार्ड के रूप में भी जारी किया जाएगा। व्यावसायिक तौर पर जारी होने के बाद यह कार्ड वीजा और मास्टर कार्ड जैसी वैश्विक भुगतान प्रणाली की जगह ले लेगा। चीन भी इसी तरह का कार्ड `यूनियन पे ऑफ चाइना' के नाम से पहले ही विकसित कर चुका है।

Npci(national payment corporation of indIn)

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा स्थापित एक निगम है जिसे भारत में विभिन्न भुगतान प्रणालियों के लिए एक मात्रसंस्था के रूप में कल्पित किया गया है।इसकी स्थापना 2008 में हुई थी इसके चेयरमैन Biswamohan Mahapatra तथा CEO& MD Dilip Asbe है इसका मुख्यालय महाराष्ट्र, मुुम्बई  में है।
​Mr. Biswamohan Mahapatra
Mr. Dilip Asbe


When people were dedicated to/लोगों को कब समर्पित किया गया

8 मई 2014 को भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने भारत का अपना भुगतान कार्ड ‘रुपे’ राष्ट्र को समर्पित किया। भारतीय रिजर्व बैंक ने 2005 में ऐसी स्वदेशी सेवा की आवश्यकता की परिकल्पना की थी और यह कार्य 2010 में इसके संचालन के तुरंत बाद भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) को सौंप दिया था। एनपीसीआई ने रुपे सेवा को अप्रैल 2013 में ही शुरू कर दिया था जबकि कार्ड भुगतान नेटवर्क को पूरी तरह कार्य रूप देने में सामान्यत: पाँच से सात वर्ष लग जाते हैं। उक्त तिथि तक इस नेटवर्क में 70 लाख कार्ड जारी किए जा चुके थे। रुपे कार्ड परियोजना में 17 बैंकों ने सहयोग दिया है।