इकाई पाठ योजना का अर्थ, परिभाषा, घटक, विशेषताएं, लाभ, दोष
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इकाई योजना का अर्थ
ऐतिहासिक परिपेक्ष में इकाई एवं पाठ योजना आधुनिक समय की उत्पत्ति है सन 1926 ईसवी में हेनरी सी मॉरीसन (Henry C. Morrison) ने इकाई योजना को परिभाषित किया था
मॉरीसन के अनुसार प्रत्येक विषय को इकाइयों में विभक्त किया जाता है हर इकाई विषय वस्तु को ऐसी विशिष्टता से प्रस्तुत की जाती है कि प्रत्येक में सीखने वाला उच्चतम अवबोधन प्राप्त करने के बाद विषय में पारंगत हो जाए मॉरीसन ने यह दावा कभी नहीं किया कि सभी विद्यार्थी समान रूप से पारंगत हो जाएंगे किंतु उसकी मान्यता थी कि इस उपागम सेे कक्षा के अधिकतर विद्यार्थी सामान्य स्तर पर अवश्य आ जाएंगे मॉरीसन की इकाई का आधार मनोवैज्ञानिक था
इकाई का तात्पर्य है किसी समस्या से संबंधित संपूर्ण ज्ञान अर्थात इकाई किसी भी पाठ्यवस्तु या अधिगम के किसी भी महत्वपूर्ण क्षेत्र पर केंद्रित रहती है
परिभाषाएं
थॉमस एम रिस्क के अनुसार- इकाई किसी समस्या या योजना से संबंधित सीखने वाली क्रियाओं की समग्रता या एकता प्रकट करती है
हेनरी सी. मॉरीसन (Henry C. Morrison) के अनुसार- इकाई संगठित विज्ञान तथा कला वातावरण का विस्तृत तथा महत्वपूर्ण पहलू है जिसके ज्ञान से व्यक्तित्व में अनुकूलता आती है
प्रेस्टन (Preston) के अनुसार- अधिगमकर्ता द्वारा दिए गए अंतर संबंधित विषय वस्तु का वृहद खंड ही इकाई है
सैम्फोर्ड के अनुसार- सावधानीपूर्वक चयनित विषय वस्तु की रूपरेखा जो कि अधिगमकर्ताओं के अनुरूप हो, इकाई है।
इकाई योजना के घटक
इकाई योजना के घटक निम्न है
- विषय
- कक्षा
- इकाई के शीर्षक एवं इकाई का संक्षिप्त दृश्य
- इकाई के उद्देश्य अथवा अपेक्षित अधिगम उपलब्धियां
- अनुदेशात्मक सामग्री
- प्रारंभिक क्रियाएं
- अधिगम क्रियाएं
- मूल्यांकन तकनीक
गुण
- इकाई का निर्धारण छात्र की रूचि, योग्यता एवं क्षमता के अनुसार किया जाता है
- शिक्षक आवश्यक शिक्षण सामग्री विकसित कर सकता है
- शिक्षक भविष्य की आवश्यकताओं का पूर्वानुमान कर सकता है
- शिक्षक छात्रों के पूर्व ज्ञान और अधिगम क्रियाओं में संबंध स्थापित कर सकता है
- शिक्षक आपेक्षिक उद्देश्य तथा अधिगम क्रियाओं में अर्थपूर्ण सह-संबंध देख सकता है
- इकाई योजना से शिक्षक को समस्त विषय को व्यवहारिक रूप में शिक्षण के लिए आयोजित करने का अवसर मिलता है
- विविध शिक्षण विधियों का समावेश होता है
- छात्र क्रिया आधारित, छात्र केंद्रित अधिगम द्वारा ज्ञान निर्माण किया जाता है
- आवश्यक विषयवस्तु एवं संसाधन का समावेश होता है
- एक प्रभावी का योजना के उद्देश्य स्पष्ट एवं छात्रों के समग्र विकास से संबंधित होते हैं जिनमें संज्ञानात्मक, भावात्मक, क्रियात्मक पक्षों का समावेश होता है
- इसके द्वारा छात्रों में उत्तरदायित्व पूर्ण कार्य करने की भावना को विकसित किया जा सकता है
- यह शिक्षा को अधिक रोचक और सक्रिय बना देती है
- यह विधि छात्रों के अनुसार सामग्री के प्रयोग की भावना बढ़ा देती है
दोष
- पाठ सामग्री अत्यधिक विस्तृत लगने लगती है
- सभी प्रकार की विषय वस्तुओं को छोटी-छोटी इकाइयों में विभक्त नहीं किया जा सकता
- कई विषयों मैं सामग्री ठीक से विभक्त नहीं हो पाती और इकाइयों में क्रमबद्धता का अभाव रहता है
- इसमें अत्यधिक समय लगता है इसीलिए निश्चित समय में पाठ्यक्रम को पूरा करना कठिन हो जाता है
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